जेल में बंद कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह और कश्मीरी नेता शेख अब्दुल रशीद उर्फ इंजीनियर रशीद लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए आज जेल से बाहर आएंगे. दोनों को शपथ लेने के लिए अदालत के निर्देश पर पैरोल मिली है. इंजीनियर रशीद जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग केस में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है, जबकि अमृतपाल पंजाब में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के आरोप में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत असम के डिब्रूगढ़ जिले की जेल में बंद है.

अमृतपाल सिंह (31) और इंजीनियर रशीद (56) ने हाल ही में जेल में रहते हुए क्रमशः पंजाब के खडूर साहिब और जम्मू-कश्मीर के बारामूला से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लोकसभा चुनाव जीता था. शपथ लेने के लिए रशीद को तिहाड़ से संसद तक के सफर में लगने वाले समय को छोड़कर दो घंटे की कस्टडी पैरोल दी गई है, और अमृतपाल सिंह को 5 जुलाई से 4 दिन की कस्टडी पैरोल दी गई है, क्योंकि उसे असम से दिल्ली लाया जाना है और शपथ ग्रहण के बाद वापस डिब्रूगढ़ जेल पहुंचाना है.

पंजाब पुलिस की टीम अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेले से अपनी हिरासत में दिल्ली लेकर आएगी. अदालत ने जिन शर्तों पर दोनों को पैरोल दी है, उसके मुताबिक वे न तो किसी मुद्दे पर मीडिया से बात कर सकते हैं, न ही कोई बयान दे सकते हैं. उनके परिवार के सदस्य भी मीडिया में किसी भी प्रकार का बयान नहीं दे सकते. खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को दिल्ली में अपने परिवार से मिलने की अनुमति कोर्ट द्वारा दी गई है, इंजीनियर रशीद का परिवार केवल उनके शपथ ग्रहण में शामिल हो सकता है.

टेरर फंडिंग केस में आरोपी हैं इंजीनियर रशीद

इंजीनियर रशीद को टेरर फंडिंग केस में 2017 में गिरफ्तार किया गया था और वह 2019 से तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन्हें दिल्ली की एक अदालत ने पैरोल दी थी. अमृतपाल सिंह की पैरोल अमृतसर के जिला मजिस्ट्रेट ने दी थी. उन्हें अप्रैल 2023 में गिरफ्तार किया गया था. अमृतपाल पर अपने एक सहयोगी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के लिए थाने में जबरन घुसने और पुलिस कर्मियों से झड़प करने का आरोप है. इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. दोनों पैरोल अवधि के दौरान हर समय सुरक्षाकर्मियों की हिरासत में रहेंगे.

दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस को संसद परिसर के अंदर की प्रक्रियाओं के लिए लोकसभा के महासचिव के साथ समन्वय करने का निर्देश दिया गया है. इंजीनियर राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे एनआईए ने कश्मीर घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों का कथित रूप से वित्त पोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. एनआईए ने मामले में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन सहित कई अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था.

भिंडरावाले को अपना आदर्श मानता है अमृतपाल 

यासीन मलिक को आरोपों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद 2022 में एक ट्रायल कोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. इंजीनियर राशिद ने लोकसभा चुनाव 2024 में बारामूला सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था. वहीं अमृतपाल सिंह ने खडूर साहिब सीट पर कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को दो लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था. वह खालिस्तानी आतंकवादी जरनैल सिंह भिंडरावाले को अपना आदर्श मानता है और उसी की तरह का वेशभूषा धारण करता है. राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत उसके नौ सहयोगी भी जेल में हैं.



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