तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में शुक्रवार देर शाम बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के प्रदेश अध्यक्ष की बेरहमी से हत्या कर दी गई. पुलिस के मुताबिक 47 वर्षीय आर्मस्ट्रांग पेरम्बूर इलाके में अपने नवनिर्मित घर के पास अपने दोस्त से बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान शाम करीब 7 बजे हथियारों से लैस तीन बाइकों पर बदमाश आए और आर्मस्ट्रांग पर हमला कर दिया.

घटनास्थल से प्राप्त तस्वीरों में सड़क पर एक बड़ा चाकू पड़ा हुआ दिखाई दे रहा है, जहां आर्मस्ट्रांग की हत्या की गई. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपी की तलाश कर रही है. आर्मस्ट्रांग को घायल अवस्था में एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. 

चेन्नई पुलिस के सूत्रों के मुताबिक बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष आर्मस्ट्रांग पेरम्बूर में रहते थे. उनके नए घर का निर्माण कार्य चल रहा था. जब आर्मस्ट्रांग शाम 7 बजे के बाद निर्माण कार्य का निरीक्षण करने आए, तो छह अज्ञात बाइक सवार लोगों ने आकर उनकी हत्या कर दी. जांच में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने आजतक को बताया कि छह लोगों में से चार ने फूड डिलीवरी कंपनी ज़ोमैटो की टी-शर्ट पहन रखी थी.

पुलिस ने आस-पास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं और आरोपी को पकड़ने के लिए तलाश जारी है. अधिकारी ने बताया कि हत्या के मकसद का पता अभी नहीं चल पाया है. जानकारी के मुताबिक सेम्बियम के पुलिस निरीक्षक चिरंजीवी के नेतृत्व में एक विशेष टीम को हत्या में शामिल संदिग्धों का पता लगाने का काम सौंपा गया है. 

बता दें कि पेशे से वकील आर्मस्ट्रांग ने 2006 के स्थानीय निकाय चुनावों में शहर के एक वार्ड में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत हासिल की थी. वे तब चर्चा में आए जब उन्होंने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को आमंत्रित किया और चेन्नई के अमिनजिकरई में पुल्ला रेड्डी एवेन्यू में एक विशाल रैली और जनसभा आयोजित की थी. 2011 में आर्मस्ट्रांग ने विधानसभा चुनाव लड़ा था और कोलाथुर निर्वाचन क्षेत्र में डीएमके के एमके स्टालिन से हार गए. उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक बेटी है.

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने दुख व्यक्त किया

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के.अन्नामलाई ने एक्स पर लिखा, “आज चेन्नई में बहुजन समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष थिरु आर्मस्ट्रांग की नृशंस हत्या की खबर से बहुत स्तब्ध हूं। इस समय हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके परिवार और बहुजन समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ हैं। हिंसा और क्रूरता का हमारे समाज में कोई स्थान नहीं है, लेकिन DMK शासन के तहत पिछले 3 वर्षों में तमिलनाडु में यह एक आदर्श बन गया है। राज्य की कानून-व्यवस्था को तहस-नहस करके रख देने के बाद एमके स्टालिन को खुद से पूछना चाहिए कि क्या उनके पास राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने की नैतिक जिम्मेदारी है?”



Source link